SEO (Search Engine Optimization) एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके जरिए हम अपनी वेबसाइट और ऑनलाइन कंटेंट को इस तरह से ऑप्टिमाइज़ करते हैं कि वह Google, Bing जैसे सर्च इंजनों में ऊपर रैंक करे।
सीधे शब्दों में कहें तो SEO वह तरीका है जिससे आप सही ऑडियंस तक फ्री में पहुंच सकते हैं, जब वे लोग आपके प्रोडक्ट या सर्विस से जुड़ी जानकारी गूगल पर सर्च करते हैं।
उदाहरण: अगर कोई "अहमदाबाद में बेस्ट डिजिटल मार्केटिंग एक्सपर्ट" सर्च करता है और आपकी वेबसाइट टॉप 3 रिज़ल्ट्स में आती है, तो वह आपके वेबसाइट पर क्लिक करने की संभावना ज़्यादा होती है।
फ्री ट्रैफिक: SEO आपको बिना पैसे खर्च किए वेबसाइट पर विज़िटर लाता है।
लंबे समय का फायदा: एक बार रैंक होने के बाद, आपकी साइट लगातार ट्रैफिक लाती रहती है।
विश्वसनीयता: टॉप पोजिशन पर आने वाली वेबसाइट को लोग ज्यादा भरोसेमंद मानते हैं।
24x7 काम करता है: SEO आपके लिए दिन-रात काम करता है, चाहे आप ऑनलाइन हों या नहीं।
यूज़र एक्सपीरियंस में सुधार: SEO करते समय आपकी साइट फास्ट, मोबाइल-फ्रेंडली और आसान बनती है।
मान लीजिए आप छत्रपती संभाजीनगर में बेकरी चलाते हैं। अगर आपकी वेबसाइट “छत्रपती संभाजीनगर में बेस्ट केक शॉप” जैसे कीवर्ड पर रैंक करती है, तो लोग गूगल से सीधे आपकी दुकान तक पहुंच सकते हैं – बिना किसी एड पर पैसे खर्च किए।
PPC (Pay Per Click) एक ऑनलाइन विज्ञापन प्रणाली है जिसमें आपको हर क्लिक के पैसे देने होते हैं। उदाहरण के लिए, Google Ads।
SEO (ऑर्गेनिक) | PPC (पेड) |
---|---|
फ्री ट्रैफिक | पेड ट्रैफिक |
धीरे-धीरे ग्रोथ | तुरंत रिज़ल्ट |
लंबे समय तक असरदार | बजट खत्म तो ट्रैफिक खत्म |
भरोसा और ब्रांड बनाता है | विज्ञापन के रूप में दिखता है |
SEO सीखने में वक्त लगता है | पैसे दो, तुरंत रिज़ल्ट पाओ |
SEO - अगर आप लंबे समय तक ऑनलाइन बने रहना चाहते हैं।
PPC - अगर आपको तुरंत विज़िटर चाहिए।
स्मार्ट ब्रांड्स दोनों का उपयोग करते हैं।
Google जैसे सर्च इंजन 3 मुख्य चरणों में काम करते हैं:
Google के बोट्स (जिन्हें क्रॉलर या स्पाइडर कहा जाता है) इंटरनेट पर घूमते हैं और नई वेबसाइट्स व पेजेस ढूंढते हैं।
जब कोई पेज मिल जाता है, तो उसे गूगल के डेटाबेस में सेव किया जाता है। इसमें टेक्स्ट, कीवर्ड्स, इमेज, लिंक्स आदि की जांच होती है।
जब कोई यूज़र कुछ सर्च करता है, तो गूगल अपना इंडेक्स चेक करता है और सबसे सटीक और उपयोगी पेजेस को पहले दिखाता है।
Google हमेशा यह चाहता है कि वह यूज़र को सबसे बढ़िया और भरोसेमंद जानकारी जल्दी दे।
इसके लिए वह उन्हीं वेबसाइट्स को ऊपर दिखाता है जो:
जल्दी लोड होती हैं
मोबाइल पर सही दिखती हैं
काम की जानकारी देती हैं
नेविगेट करने में आसान होती हैं
Google के 200 से ज़्यादा रैंकिंग फैक्टर हैं, लेकिन मुख्य रूप से ये बातें सबसे जरूरी हैं:
ऐसा कंटेंट जो यूज़र के सवालों का सही और आसान जवाब दे।
कंटेंट यूज़र की ज़रूरत से मेल खाना चाहिए।
अगर कई अच्छी वेबसाइट्स आपके पेज का लिंक दे रही हैं, तो गूगल आपको ट्रस्ट करता है।
साइट फास्ट हो
मोबाइल फ्रेंडली हो
क्लियर डिज़ाइन और नेविगेशन हो
गूगल उन वेबसाइट्स को प्राथमिकता देता है जिनके पास SSL (HTTPS) होता है।
टिप: अगर आप अपने विज़िटर्स का ख्याल रखते हैं, तो Google आपका ख्याल रखेगा।
SEO को चार प्रमुख भागों में बाँटा जाता है। एक अच्छी वेबसाइट इन सभी में बैलेंस बनाती है।
आपकी वेबसाइट पर किया जाने वाला ऑप्टिमाइज़ेशन:
सही कीवर्ड्स का इस्तेमाल
टाइटल, मेटा डिस्क्रिप्शन का सुधार
हैडिंग टैग्स (H1, H2 आदि)
कंटेंट स्ट्रक्चर
इमेज ऑप्टिमाइज़ेशन
उदाहरण: “बेस्ट डिजिटल मार्केटिंग कोर्स इन इंडिया” कीवर्ड को ब्लॉग में सही जगह रखना।
दूसरी वेबसाइट्स आपकी साइट के बारे में क्या कहती हैं:
बैकलिंक्स
सोशल मीडिया शेयरिंग
ऑनलाइन रिव्यूज़
उदाहरण: किसी मशहूर वेबसाइट से लिंक मिलना आपके SEO को बढ़ावा देता है।
वेबसाइट का टेक्निकल हिस्सा जो गूगल को आपकी साइट को अच्छे से समझने और इंडेक्स करने में मदद करता है:
साइट स्पीड
मोबाइल फ्रेंडली डिज़ाइन
Robots.txt और Sitemap
डुप्लिकेट कंटेंट हटाना
SSL सर्टिफिकेट
उदाहरण: अगर आपकी साइट बहुत धीरे लोड होती है, तो रैंकिंग नीचे जा सकती है।
अगर आपका बिज़नेस लोकल लेवल पर काम करता है (जैसे कि रियल एस्टेट एजेंट या सैलून), तो Local SEO जरूरी है:
Google My Business लिस्टिंग बनाना और ऑप्टिमाइज़ करना
लोकल डायरेक्टरी में रजिस्ट्रेशन (Justdial, IndiaMart)
कस्टमर रिव्यूज़
उदाहरण: "अहमदाबाद में रियल एस्टेट एजेंट" जैसे सर्च में दिखना।
इस मॉड्यूल के बाद, अब आप जानते हैं:
SEO क्या है और क्यों ज़रूरी है?
SEO और PPC में क्या अंतर है?
Google और अन्य सर्च इंजन कैसे काम करते हैं?
Google किस टाइप की वेबसाइट को पसंद करता है?
SEO के कितने प्रकार होते हैं और वे कैसे काम करते हैं?
कीवर्ड वे शब्द या वाक्यांश होते हैं जिन्हें लोग गूगल या अन्य सर्च इंजनों में टाइप करते हैं जब उन्हें किसी चीज़ की जानकारी चाहिए होती है।
उदाहरण:
"डिजिटल मार्केटिंग कोर्स इंडिया में"
"सस्ती जूतियां ऑनलाइन"
"कैसे वजन कम करें"
यह सब कीवर्ड हैं। यदि आप जान जाएंगे कि लोग क्या खोज रहे हैं, तो आप वैसा कंटेंट बना सकते हैं और Google में रैंक कर सकते हैं।
बहुत सामान्य और छोटे होते हैं (1–2 शब्द)।
उदाहरण: SEO
, शूज़
, मार्केटिंग
इनका सर्च वॉल्यूम ज्यादा होता है, लेकिन प्रतिस्पर्धा भी बहुत ज़्यादा होती है।
लाभ: ज़्यादा ट्रैफ़िक
हानि: कम टारगेटेड, कठिन रैंकिंग
ज़्यादा स्पेसिफिक होते हैं, आमतौर पर 3 या अधिक शब्दों वाले।
उदाहरण: बेस्ट SEO कोर्स शुरुआती लोगों के लिए
, 2000 रुपए में सफेद जूते खरीदें
कम सर्च वॉल्यूम लेकिन उच्च कन्वर्जन रेट होता है।
लाभ: टारगेटेड ऑडियंस, आसान रैंकिंग
हानि: ट्रैफ़िक कम
सलाह: शुरुआत में Long-tail कीवर्ड पर फोकस करें — जल्दी रैंक मिलेगा और सही लोग आएंगे।
हर सर्च के पीछे एक इरादा (Intent) होता है — इसे जानना ज़रूरी है ताकि आप उस हिसाब से कीवर्ड चुन सकें।
यूज़र कुछ सीखना चाहता है।
उदाहरण: SEO कैसे करें
, डिजिटल मार्केटिंग क्या है
इस्तेमाल: ब्लॉग, गाइड, How-To लेख
यूज़र किसी विशेष वेबसाइट या ब्रांड पर जाना चाहता है।
उदाहरण: Facebook login
, Flipkart Shoes
, Swapnil Kankute blog
इस्तेमाल: ब्रांड कीवर्ड
यूज़र कुछ खरीदने या बुक करने की सोच रहा है।
उदाहरण: सस्ती फ्लाइट टिकट
, SEO सर्विसेज इंडिया में
इस्तेमाल: प्रोडक्ट पेज, सर्विस पेज, लैंडिंग पेज
सलाह: अपने बिज़नेस के लिए इन तीनों तरह के कीवर्ड का बैलेंस बनाएं।
SEO सीखने वालों के लिए यह खुशखबरी है कि कीवर्ड रिसर्च करने के लिए बहुत सारे फ्री टूल्स उपलब्ध हैं।
यह गूगल एड्स का फ्री टूल है।
इसमें आप कीवर्ड का सर्च वॉल्यूम, प्रतिस्पर्धा और ट्रेंड देख सकते हैं।
जगह और भाषा के अनुसार फ़िल्टर कर सकते हैं।
कैसे इस्तेमाल करें:
ads.google.com पर जाएं
Keyword Planner में कीवर्ड डालें
Related कीवर्ड और उनकी डिटेल्स देखें
बहुत आसान और लोकप्रिय टूल है।
यह SEO difficulty, keyword ideas, content suggestions भी देता है।
वेबसाइट: ubersuggest.com
यह टूल सवालों और लोगों के सर्च पैटर्न दिखाता है।
ब्लॉग टॉपिक और FAQ बनाने के लिए बेस्ट है।
उदाहरण: यदि आप सर्च करें "डिजिटल मार्केटिंग", तो यह दिखाएगा:
डिजिटल मार्केटिंग क्या है?
डिजिटल मार्केटिंग कैसे करें?
डिजिटल मार्केटिंग बनाम पारंपरिक मार्केटिंग
वेबसाइट: answerthepublic.com
गूगल की सर्च बार में कुछ टाइप करें — गूगल खुद सुझाव देगा।
सर्च रिज़ल्ट के बीच में “People Also Ask” बॉक्स आता है — वहां से आइडियाज लें।
दो कीवर्ड की तुलना करें और देखें कौन सा ज़्यादा पॉपुलर है।
Seasonal और Trending टॉपिक्स के लिए बहुत काम का टूल है।
उदाहरण: Diwali gifts
vs Christmas decorations
वेबसाइट: trends.google.com
अब सवाल आता है: इतने सारे कीवर्ड्स में से सही कीवर्ड कैसे चुनें?
यह दिखाता है कि हर महीने कितने लोग उस कीवर्ड को सर्च करते हैं।
ज़्यादा वॉल्यूम = ज़्यादा ट्रैफ़िक की संभावना
यह बताता है कि उस कीवर्ड पर कितनी साइट्स पहले से रैंक कर रही हैं।
High competition वाले कीवर्ड पर रैंक करना मुश्किल होता है।
उदाहरण (Ubersuggest स्कोर):
0–30: आसान
30–60: मध्यम
60+: कठिन
शुरुआती लोगों को Low या Medium competition वाले कीवर्ड चुनने चाहिए।
कीवर्ड आपके बिज़नेस और टारगेट ऑडियंस के लिए relevant होना चाहिए।
ट्रैफ़िक जरूरी है, लेकिन सही ट्रैफ़िक उससे भी ज़्यादा जरूरी है।
उदाहरण:
कीवर्ड: Free SEO audit tool
यदि आप SEO सर्विसेज बेच रहे हैं, तो यह अच्छा कीवर्ड है क्योंकि लोग पहले फ्री ऑडिट देखना चाहेंगे।
जो कीवर्ड आपने चुना है, उसका उद्देश्य (Intent) समझें और वैसा कंटेंट बनाएं।
उदाहरण:
कीवर्ड: ब्लॉग कैसे शुरू करें
→ गाइड या ब्लॉग लेख
कीवर्ड: बेस्ट होस्टिंग इंडिया
→ तुलना या रिव्यू आर्टिकल
इस मॉड्यूल में आपने सीखा:
कीवर्ड क्या हैं और SEO में उनका महत्व
शॉर्ट-टेल और लॉन्ग-टेल कीवर्ड में क्या अंतर है
सर्च इंटेंट कैसे समझें
फ्री टूल्स से कीवर्ड रिसर्च कैसे करें
अपने बिज़नेस के लिए सही कीवर्ड कैसे चुनें
On-Page SEO का मतलब है आपकी वेबसाइट के अंदर मौजूद हर उस चीज़ को ऑप्टिमाइज़ करना जो सीधे तौर पर आपकी गूगल रैंकिंग को प्रभावित करती है — जैसे कि टाइटल, मेटा डिस्क्रिप्शन, हेडिंग्स, इमेज, कंटेंट और URL।
जब आप ऑन-पेज SEO को सही तरीके से अपनाते हैं, तो आपकी वेबसाइट न सिर्फ सर्च इंजन के लिए समझने में आसान होती है, बल्कि यूज़र्स को भी बेहतर अनुभव देती है।
यह वो लाइन होती है जो गूगल सर्च रिज़ल्ट में सबसे पहले दिखती है। यह बताती है कि आपकी वेबपेज किस बारे में है।
बेस्ट प्रैक्टिस:
60 कैरेक्टर से कम रखें
मुख्य कीवर्ड की शुरुआत में इस्तेमाल करें
आकर्षक और क्लिक-योग्य बनाएँ
हर पेज पर यूनिक हो
उदाहरण:
ग़लत: “Home”
सही: “फ्री SEO कोर्स हिंदी में – शुरुआत से सीखें”
मेटा डिस्क्रिप्शन वह छोटा परिचय होता है जो सर्च रिज़ल्ट में टाइटल के नीचे आता है।
बेस्ट प्रैक्टिस:
155 कैरेक्टर से कम रखें
मुख्य कीवर्ड शामिल करें
यूज़र को क्लिक करने के लिए प्रेरित करें
उदाहरण:
इस कोर्स में जानिए SEO की बेसिक बातें, कीवर्ड रिसर्च, रैंकिंग टिप्स और वेबसाइट ट्रैफिक बढ़ाने के तरीके।
वेबपेज का URL भी सर्च इंजन के लिए संकेत देता है कि पेज किस बारे में है।
बेस्ट प्रैक्टिस:
छोटा और सरल रखें
कीवर्ड शामिल करें
हाइफ़न (-) का इस्तेमाल करें, अंडरस्कोर (_) नहीं
बेकार के नंबर या शब्द न डालें
उदाहरण:
ग़लत: www.example.com/page1?id=543
सही: www.example.com/seo-shuruaat-ke-liye
हेडिंग्स आपकी कंटेंट को स्ट्रक्चर देती हैं और गूगल को ये समझने में मदद करती हैं कि कौन सा हिस्सा सबसे महत्वपूर्ण है।
H1 – मुख्य शीर्षक (हर पेज पर सिर्फ एक बार)
H2 – सेक्शन के टाइटल
H3 – H2 के सब-टॉपिक
उदाहरण:
H1: SEO क्या है?
H2: SEO के प्रकार
H3: ऑन-पेज SEO
H3: ऑफ-पेज SEO
ऑनलाइन पढ़ने वाले लोग स्कैन करते हैं। इसलिए:
छोटे पैराग्राफ बनाएं
लिस्ट और बुलेट्स का इस्तेमाल करें
ज़रूरी शब्दों को बोल्ड करें
हेडिंग्स और सबहेडिंग्स डालें
Bonus: लंबी पोस्ट के लिए Table of Contents डालें।
आपका मुख्य कीवर्ड इन हिस्सों में ज़रूर होना चाहिए:
टाइटल टैग
मेटा डिस्क्रिप्शन
पहले 100 शब्दों में
कम से कम एक H2 या H3 हेडिंग में
इमेज के Alt टेक्स्ट में
URL में (यदि संभव हो)
आपके कीवर्ड का कंटेंट में कितनी बार उपयोग हुआ — यह डेंसिटी कहलाती है।
आदर्श: 0.5% से 1.5%
ज्यादा कीवर्ड इस्तेमाल न करें (Keyword Stuffing से बचें)
Google अक्सर लंबा, गहराई से लिखा हुआ कंटेंट ज़्यादा रैंक करता है।
कम से कम 800 शब्द, और ज़रूरत अनुसार 2000+ शब्द रखें
यूज़र के सवाल का पूरा और अच्छा जवाब दें
अपने वेबसाइट के अन्य पेजेस से लिंक करें:
यूज़र को दूसरी ज़रूरी जानकारी तक पहुँचाएं
बाउंस रेट घटाएं
गूगल को वेबसाइट का स्ट्रक्चर समझने में मदद करें
उदाहरण:
कीवर्ड रिसर्च के बारे में जानने के लिए पढ़ें मॉड्यूल 2: कीवर्ड रिसर्च।
यह टेक्स्ट गूगल और स्क्रीन रीडर को बताता है कि इमेज में क्या है।
बेस्ट प्रैक्टिस:
इमेज का सरल और सटीक विवरण दें
कीवर्ड प्राकृतिक रूप से शामिल करें
उदाहरण:
Alt टेक्स्ट: लैपटॉप पर SEO रिपोर्ट पढ़ती महिला
इमेज अपलोड करने से पहले उसका नाम सही रखें।
ग़लत: IMG_1234.jpg
सही: seo-report-checklist.jpg
बड़ी इमेज वेबसाइट को स्लो करती है, जिससे रैंकिंग पर असर पड़ता है।
उपयोगी टूल्स:
TinyPNG, Squoosh, ImageOptim
लक्ष्य: 100KB से कम साइज की इमेज, गुणवत्ता खराब किए बिना।
आपकी इमेज सभी डिवाइसेज़ पर सही दिखनी चाहिए। CSS या थीम सेटिंग्स में width: 100%
का इस्तेमाल करें।
इस अध्याय में आपने सीखा:
✅ टाइटल टैग्स और मेटा डिस्क्रिप्शन कैसे बनाएं
✅ SEO फ्रेंडली URLs कैसे रखें
✅ हेडिंग्स का सही उपयोग कैसे करें
✅ कंटेंट में कीवर्ड को सही तरीके से कैसे प्लेस करें
✅ इमेज को कैसे ऑप्टिमाइज़ करें
अब आप जानते हैं कि एक पेज को SEO के लिए पूरी तरह कैसे तैयार किया जाता है।
तकनीकी SEO आपकी वेबसाइट के उन तत्वों को अनुकूलित करने के बारे में है जो सीधे तौर पर कंटेंट से जुड़े नहीं होते, लेकिन सर्च इंजनों को आपकी वेबसाइट को समझने, क्रॉल करने, और इंडेक्स करने में मदद करते हैं।
एक मजबूत तकनीकी आधार सुनिश्चित करता है कि आपके कंटेंट को गूगल सही तरह से देखे, रैंक करे और यूज़र्स तक पहुँचाए।
Google की रैंकिंग में साइट स्पीड एक महत्वपूर्ण फैक्टर है।
धीमी वेबसाइट से यूज़र्स बाउंस कर जाते हैं यानी साइट छोड़ देते हैं।
एक सेकंड की देरी:
11% कम पेज व्यूज़
7% कम कन्वर्ज़न
16% यूज़र सैटिस्फैक्शन में गिरावट
मोबाइल और डेस्कटॉप दोनों के लिए स्कोर देता है।
परफॉर्मेंस सुधार के सुझाव देता है।
👉 वेबसाइट: https://pagespeed.web.dev
लोडिंग स्टेप्स की डीटेल रिपोर्ट देता है।
CSS, JS, और इमेज जैसी चीज़ों के कारण वेबसाइट स्लो हो रही हो तो दिखाता है।
👉 वेबसाइट: https://gtmetrix.com
इमेज को Compress करें (WebP या TinyPNG का इस्तेमाल करें)
CSS, JavaScript और HTML को मिनिफाइ करें
Cache का इस्तेमाल करें
तेज़ होस्टिंग और CDN (Content Delivery Network) लगाएँ
वीडियो या हेवी एनिमेशन से बचें
✅ लक्ष्य रखें कि वेबसाइट 3 सेकंड से कम समय में लोड हो।
Google अब वेबसाइट की मोबाइल वर्ज़न को पहले इंडेक्स करता है।
अगर मोबाइल साइट अधूरी है, तो रैंकिंग गिर सकती है।
Responsive डिजाइन का इस्तेमाल करें
Pop-ups, Flash जैसी चीज़ें न लगाएँ
टेक्स्ट पढ़ने योग्य हो, बटन सही दूरी पर हों
3G/4G नेटवर्क पर भी वेबसाइट जल्दी खुले
👉 Google का मोबाइल फ्रेंडली टेस्ट: https://search.google.com/test/mobile-friendly
70% से ज्यादा ट्रैफिक अब मोबाइल से आता है
मोबाइल फ्रेंडली वेबसाइट्स को गूगल में प्राथमिकता मिलती है
यूज़र अनुभव बेहतर होता है
यह एक फ़ाइल होती है जिसमें आपकी वेबसाइट के सभी ज़रूरी पेजेज़ की लिस्ट होती है।
यह सर्च इंजनों को बताती है कि कौन-कौन से पेज इंडेक्स करने हैं।
✅ इसे Google Search Console में सबमिट करें।
👉 Yoast SEO जैसे टूल से आसानी से जेनरेट किया जा सकता है।
यह सर्च बॉट्स को निर्देश देता है कि वेबसाइट का कौन सा हिस्सा क्रॉल करना है और कौन सा नहीं।
User-agent: *
Disallow: /admin/
Allow: /admin/public-page/
⚠️ गलत निर्देश देने से गूगल ज़रूरी पेज क्रॉल नहीं करेगा — ध्यान रखें।
Google Search Console में लॉगिन करें
Sitemap सेक्शन में जाकर अपनी sitemap.xml फ़ाइल का URL डालें
पेज को मैन्युअली इंडेक्स करने के लिए URL Inspection Tool का उपयोग करें
HTTPS का मतलब है Hypertext Transfer Protocol Secure
यह वेबसाइट और यूज़र के बीच डाटा को एन्क्रिप्ट करता है
यह वेबसाइट को सुरक्षित और भरोसेमंद बनाता है
Google HTTPS वेबसाइट्स को प्राथमिकता देता है
यूज़र्स को ब्राउज़र में लॉक आइकन दिखता है (सुरक्षा का प्रतीक)
वेबसाइट पर लॉगिन या पेमेंट जैसे सेफ़ एक्शन में मदद करता है
HTTP से HTTPS पर 301 रीडायरेक्ट करें
👉 SSL फ्री में पाने के लिए Let's Encrypt का इस्तेमाल करें।
SSL सर्टिफिकेट इंस्टॉल करें
HTTP से HTTPS रीडायरेक्ट करें
सभी URLs, आंतरिक लिंक्स, साईटमैप और कैनॉनिकल टैग्स को अपडेट करें
Google Search Console में HTTPS वर्जन ऐड करें
इस मॉड्यूल में आपने सीखा कि कैसे तकनीकी SEO आपके कंटेंट को सही ढंग से गूगल तक पहुँचाता है।
वेबसाइट स्पीड को कैसे मापें और सुधारें
मोबाइल फर्स्ट इंडेक्सिंग के महत्व को
साइटमैप और robots.txt का सही उपयोग
HTTPS और SSL की ज़रूरत
ऑन-पेज और तकनीकी SEO आपकी वेबसाइट के अंदर की चीजों पर केंद्रित होता है, लेकिन ऑफ-पेज SEO उन सभी गतिविधियों को कवर करता है जो आपकी वेबसाइट के बाहर होती हैं और आपकी रैंकिंग को प्रभावित करती हैं।
इस मॉड्यूल में आप सीखेंगे कि कैसे बैकलिंक (Backlink) बनाए जाते हैं, उनका SEO में क्या महत्व है, और सोशल सिग्नल्स (Social Signals) SEO को कैसे प्रभावित करते हैं।
जब कोई दूसरी वेबसाइट आपकी वेबसाइट के लिंक को अपने कंटेंट में जोड़ती है, तो उसे बैकलिंक कहा जाता है। यह एक तरह से आपके कंटेंट के लिए सिफारिश (recommendation) की तरह काम करता है।
Google के अनुसार बैकलिंक एक टॉप रैंकिंग फैक्टर है।
अच्छे बैकलिंक्स से आपकी वेबसाइट को अथॉरिटी मिलती है।
यह Google को आपकी वेबसाइट को तेजी से क्रॉल और इंडेक्स करने में मदद करता है।
बैकलिंक्स के जरिए रेफरल ट्रैफिक भी मिलता है।
SEO वैल्यू पास करते हैं।
आपकी वेबसाइट की रैंकिंग बढ़ाने में मदद करते हैं।
SEO वैल्यू पास नहीं करते (rel="nofollow"
टैग होता है)।
लेकिन ब्रांड अवेयरनेस और ट्रैफिक में मदद करते हैं।
दोनों ही प्रकार के बैकलिंक्स SEO के लिए महत्वपूर्ण हैं, लेकिन DoFollow अधिक उपयोगी होते हैं।
अच्छे बैकलिंक | खराब बैकलिंक |
---|---|
ट्रस्टेड वेबसाइट से आते हैं | स्पैमी या अनरिलेटेड साइट से आते हैं |
रिलेटेड टॉपिक से जुड़े होते हैं | बेमतलब कंटेंट से लिंक होते हैं |
नैचुरल तरीके से मिलते हैं | खरीदे हुए या लिंक स्कीम का हिस्सा होते हैं |
अपनी वेबसाइट को इन लोकप्रिय डायरेक्टरीज़ में जोड़ें:
Google Business Profile
JustDial
Sulekha
IndiaMart
Yelp
यह सभी SEO में मदद करते हैं और लोकल ग्राहकों तक पहुँच बनाते हैं।
दूसरी वेबसाइट्स पर गेस्ट पोस्ट लिखें और उसमें अपनी वेबसाइट का लिंक जोड़ें।
ध्यान रहे: मूल और उपयोगी कंटेंट ही लिखें, जिससे लोग उसे शेयर करें।
Mix
Digg
Scoop.it
Slashdot
ये प्लेटफॉर्म भले ही NoFollow बैकलिंक्स दें, लेकिन ट्रैफिक और व्यूज़ बढ़ाने में मदद करते हैं।
अपने इंडस्ट्री से जुड़े ब्लॉग्स पर वैल्यू-एडेड कमेंट करें और वहां लिंक शेयर करें।
स्पैम न करें, सिर्फ तभी लिंक शेयर करें जब वह प्रासंगिक हो।
अपने आर्टिकल्स और पेजेस को इन प्लेटफॉर्म्स पर शेयर करें:
Twitter (X)
ये लिंक भले ही NoFollow हों, लेकिन ये आपकी वेबसाइट को वायरल होने का मौका देते हैं।
सोशल सिग्नल्स वो गतिविधियाँ हैं जो सोशल मीडिया पर होती हैं जैसे:
लाइक्स
शेयर
कमेंट्स
मेंशन
रिट्वीट्स
आपकी वेबसाइट और कंटेंट को ज्यादा लोगों तक पहुँचाता है
ब्रांड अवेयरनेस बढ़ाता है
ज्यादा ट्रैफिक लाकर बैकलिंक्स बनने की संभावना बढ़ाता है
गूगल ट्रेंड्स और ब्रांड मेंशन के ज़रिए अप्रत्यक्ष रूप से रैंकिंग को बढ़ाता है
अपने ब्लॉग पर शेयर बटन जोड़ें
शेयर करने लायक टाइटल और इमेज बनाएं
कंटेंट को वीडियो, रील्स या इनफोग्राफिक्स में बदलिए
इंस्टाग्राम और ट्विटर पर हैशटैग का सही उपयोग करें
YouTube – गूगल का प्रोडक्ट है, लॉन्ग-टर्म SEO के लिए बेस्ट
LinkedIn – B2B SEO और प्रोफेशनल नेटवर्किंग के लिए प्रभावशाली
Twitter (X) – ब्रांड मेंशन और रीयल-टाइम एंगेजमेंट
Pinterest – Evergreen कंटेंट के लिए शानदार
ऑफ-पेज SEO में समय लगता है, लेकिन ये आपके SEO को दीर्घकालिक मजबूती देता है।
बैकलिंक क्या होता है और SEO में इसका महत्व
DoFollow और NoFollow बैकलिंक में फर्क
फ्री और सरल तरीकों से बैकलिंक्स कैसे बनाएं
सोशल मीडिया का SEO पर क्या प्रभाव होता है
स्थानीय SEO का मकसद आपकी वेबसाइट या व्यापार को स्थानीय खोज परिणामों (जैसे "मेरे पास पेस्ट कंट्रोल", "धुले में कपड़ों की दुकान") में ऊपर लाना है।
यह Google Maps, “Near Me” खोजों, और लोकल कस्टमर ट्रैफिक लाने के लिए जरूरी है।
यह Google द्वारा दी गई एक फ्री लिस्टिंग सर्विस है जो आपकी दुकान या सेवा को:
Google Search
Google Maps
Local Pack (टॉप 3 परिणाम)
में दिखाती है।
व्यवसाय का नाम
पता
मोबाइल नंबर
कार्य समय
वेबसाइट लिंक
फ़ोटो और रिव्यू
वेबसाइट खोलें: https://www.google.com/business
“Manage Now” पर क्लिक करें
व्यवसाय की कैटेगरी चुनें (जैसे – "कपड़ों की दुकान", "डिजिटल मार्केटिंग सलाहकार")
पता, संपर्क जानकारी भरें
"Verify" के लिए Google आपके पते पर पोस्टकार्ड भेजेगा या कभी-कभी OTP देता है
हर जगह एक जैसी जानकारी होनी चाहिए (वेबसाइट, सोशल मीडिया, डायरेक्टरीज़)
दुकान/सेवा की फोटो
सेवाएं और टाइमिंग
ऑफर्स और स्पेशल अपडेट
ऑफर, इवेंट्स, नए प्रोडक्ट्स की जानकारी देने के लिए
खुश ग्राहक से politely रिव्यू मांगें
रिव्यू का जवाब दें – चाहे अच्छा हो या बुरा
जब आपके व्यापार का नाम, पता और फ़ोन नंबर किसी अन्य वेबसाइट पर दिखता है — उसे Local Citation कहते हैं। यह Google को बताता है कि आपका बिज़नेस असली और सक्रिय है।
डायरेक्टरी | विशेषता |
---|---|
Justdial | अधिक ग्राहक कॉल्स, खासकर लोकल यूज़र्स से |
Sulekha | सेवाओं के लिए खास प्लेटफॉर्म |
IndiaMART | प्रोडक्ट या B2B के लिए बढ़िया |
Facebook Page | ब्रांडिंग के साथ-साथ लोकल रीच भी |
TradeIndia | इंडस्ट्रियल और होलसेल बिज़नेस के लिए |
सभी जगह पर एक जैसी NAP जानकारी देना बहुत जरूरी है।
केवल भरोसेमंद वेबसाइट पर ही जानकारी दें
जानकारी अपडेट रखें
दोहराव वाली या गलत लिस्टिंग से बचें
एक जैसे फॉर्मेट में पता और मोबाइल नंबर लिखें
आपके लोकल SEO रैंकिंग को मजबूत करते हैं
ट्रस्ट बनाते हैं
ग्राहक को निर्णय लेने में मदद करते हैं
CTR बढ़ाते हैं (Search से Website पर क्लिक)
सेवा देने के बाद ग्राहक से WhatsApp/SMS द्वारा निवेदन करें
Google Review लिंक भेजें
दुकान पर QR कोड लगाएं
ईमानदारी से थैंक यू कूपन जैसे इंसेंटिव दे सकते हैं
Google Business Profile
Facebook Page
Justdial, Sulekha, IndiaMART
आपकी इंडस्ट्री से जुड़ी अन्य वेबसाइट्स
नजरअंदाज न करें
विनम्रता से माफ़ी मांगें
समाधान की पेशकश करें
बात को प्रोफेशनली हैंडल करें
प्रोफेशनल रिप्लाई आपके ब्रांड की विश्वसनीयता को और बढ़ाता है।
स्थानीय SEO, खासकर छोटे व्यवसायों और स्थानीय दुकानदारों के लिए सबसे फायदेमंद और फ्री मार्केटिंग तरीका है। इससे नजदीकी ग्राहक आपकी दुकान/सेवा को आसानी से पा सकते हैं।
Google Business Profile कैसे बनाएं और ऑप्टिमाइज़ करें
NAP Consistency का महत्व
भारत में टॉप लोकल डायरेक्टरीज़
Citation और Review का SEO में क्या योगदान है
ऑनलाइन प्रतिष्ठा को कैसे संभालें
SEO एक बार सेट करके छोड़ देने वाली प्रक्रिया नहीं है। वेबसाइट ऑप्टिमाइज़ करने के बाद यह जरूरी है कि आप उसे नियमित रूप से मॉनिटर करें, यूज़र बिहेवियर को समझें, और समय-समय पर समस्याएं सुधारें।
इस मॉड्यूल में आप सीखेंगे कि कैसे आप Google के फ्री टूल्स की मदद से अपनी वेबसाइट की SEO परफॉर्मेंस को ट्रैक कर सकते हैं।
आप जान पाते हैं कि आपकी मेहनत का परिणाम मिल रहा है या नहीं
कौन से कीवर्ड ट्रैफिक ला रहे हैं, इसका पता चलता है
वेबसाइट की तकनीकी समस्याएं जल्दी पकड़ में आती हैं
जो स्ट्रैटेजी काम कर रही हैं, उन्हें और मजबूत किया जा सकता है
क्या करता है:
आपकी वेबसाइट की Google सर्च में परफॉर्मेंस ट्रैक करता है
कौन-कौन से कीवर्ड से ट्रैफिक आ रहा है यह दिखाता है
इंडेक्सिंग और मोबाइल से जुड़ी समस्याओं की जानकारी देता है
CTR (Click Through Rate), इम्प्रेशंस और रैंकिंग की जानकारी देता है
कैसे सेट करें:
अपनी वेबसाइट जोड़ें
DNS या HTML टैग से वेरीफाई करें
महत्वपूर्ण रिपोर्ट्स:
Performance Report: कौन-कौन से कीवर्ड पर क्लिक मिल रहे हैं
Coverage Report: कौन-कौन से पेज Google में इंडेक्स हैं और कौन नहीं
Mobile Usability: मोबाइल फ्रेंडली है या नहीं
Sitemaps: XML साइटमैप सबमिट करें
Core Web Vitals: स्पीड और यूज़र अनुभव से जुड़ी रिपोर्ट
क्या करता है:
यूज़र्स कैसे आपकी साइट पर आते हैं और क्या करते हैं ये ट्रैक करता है
कौन से पेज सबसे ज़्यादा देखे जाते हैं
कौन से ट्रैफिक सोर्स से विज़िटर आ रहे हैं (Google, Social Media आदि)
वेबसाइट पर Conversions (जैसे फॉर्म भरना, कॉल करना) ट्रैक करता है
कैसे सेट करें:
GA4 प्रॉपर्टी बनाएं
ट्रैकिंग कोड अपनी वेबसाइट में इंस्टॉल करें
क्लिक, स्क्रॉल, इवेंट आदि को बिना कोडिंग के ट्रैक करने में मदद करता है
एडवांस ट्रैकिंग सेटअप के लिए उपयोगी
हर महीने एक SEO ऑडिट करने से वेबसाइट की हेल्थ बनी रहती है।
GSC > “Pages” में जाकर चेक करें
कौन से URL इंडेक्स हुए हैं और कौन से नहीं
“Crawled – currently not indexed” जैसी समस्याओं को ठीक करें
GSC के “Performance” सेक्शन में जाएं
कौन से क्वेरीज़ पर इम्प्रेशन, क्लिक मिल रहे हैं चेक करें
CTR कम है तो Title/Description को और बेहतर बनाएं
इमेज कम्प्रेशन, lazy loading, CSS-JS मिनिफाई जैसी सलाह को फॉलो करें
GSC में "Mobile Usability" सेक्शन में देखें
फॉन्ट साइज़, टच बटन आदि ठीक से काम कर रहे हैं या नहीं
टूल्स: Broken Link Checker, Screaming Frog SEO Spider (Free version)
404 errors को सुधारें या रीडायरेक्ट करें
क्या सभी पेज का Title और Meta Description मौजूद है?
क्या कीवर्ड कंटेंट में नेचुरल रूप से शामिल हैं?
हर महीने एक सिंपल रिपोर्ट बनाकर आप अपनी SEO प्रगति को ट्रैक कर सकते हैं।
टोटल ऑर्गेनिक ट्रैफिक (Google Analytics से)
टॉप परफॉर्मिंग पेजेस (GSC रिपोर्ट से)
कीवर्ड रैंकिंग का बदलाव
वेबसाइट की स्पीड और मोबाइल रिपोर्ट
अगले महीने के लिए रेकमेंडेशन
Google Sheets + GSC डेटा एक्सपोर्ट
Canva में चार्ट बनाएं
Google Looker Studio से ऑटोमैटिक रिपोर्ट बनाएं
SEO की सफलता को मापना और समझना बहुत जरूरी है। ये टूल्स और तकनीकें आपको SEO को मॉनिटर करने, सुधारने और रिटर्न बढ़ाने में मदद करेंगी।
Google Search Console और Google Analytics का उपयोग
हर महीने एक सिंपल SEO ऑडिट कैसे करें
कीवर्ड और पेज परफॉर्मेंस कैसे ट्रैक करें
एक SEO रिपोर्ट कैसे बनाएं
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